New Financial Year 2025: केंद्रीय बजट 2025-26 के आयकर स्लैब, टीडीएस सीमा और विदेशी शिक्षा फंड में बदलाव समेत 200 उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी का ऐलान।
मध्यम वर्ग के लिए बजट की ‘सुपर राहत’। 1 अप्रैल 2025 से लागू हो रहे केंद्रीय बजट 2025-26 में मध्यम वर्ग, सैलरी कमाने वालों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। नए टैक्स स्लैब, बढ़ी हुई टीडीएस सीमा और विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए राहत जैसे प्रावधानों से लाखों लोगों का बजट हल्का होगा। वहीं, 150-200 उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी में बदलाव से कुछ चीजें सस्ती होंगी, तो कुछ महंगी। आइए जानते हैं कैसे ये बदलाव आपकी जेब पर असर डालेंगे।
नए टैक्स स्लैब से सैलरी क्लास की बचत में बढ़ोतरी
नए टैक्स व्यवस्था के तहत ₹12.75 लाख सालाना आय वाले लोगों को अब शून्य टैक्स देना होगा। सैलरी कमाने वालों को इसके अलावा ₹75,000 का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। नए स्लैब के मुताबिक, ₹20-24 लाख सालाना कमाने वालों पर 25% टैक्स लगेगा। इसका सीधा फायदा मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग को मिलेगा, क्योंकि पहले ₹15 लाख की आय वाला स्लैब अब ₹24 लाख तक बढ़ गया है।
किराए की आय पर नो टैक्स:
पहले ₹2.4 लाख के किराए पर टीडीएस लगता था, लेकिन अब यह सीमा ₹6 लाख कर दी गई है। यानी अगर आप ₹6 लाख सालाना से कम किराए कमाते हैं, तो टीडीएस नहीं काटा जाएगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष छूट, एफडी पर बढ़ी टीडीएस सीमा
वरिष्ठ नागरिकों को फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के ब्याज पर मिलने वाली टीडीएस छूट की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। इसके अलावा, प्रोफेशनल सेवाओं (जैसे डॉक्टर, वकील) पर टीडीएस की सीमा ₹30,000 से बढ़ाकर ₹50,000 सालाना कर दी गई है। यानी कम आय वाले पेशेवरों की जेब में अब ज्यादा पैसा बचेगा।
विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए राहत, TCS सीमा ₹10 लाख
विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्र अब बिना टीसीएस के ₹10 लाख तक का फंड ट्रांसफर कर सकेंगे। पहले यह सीमा ₹7 लाख थी। इससे छात्रों के परिवारों को एक साल में कई बार फंड भेजने की झंझट और अतिरिक्त टैक्स से छुटकारा मिलेगा।
इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का समय बढ़ा, लेकिन सावधानी जरूरी
अब आप वित्तीय वर्ष खत्म होने के 48 महीने (4 साल) के अंदर अपना अपडेटेड टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। पहले यह अवधि 24 महीने (2 साल) थी। हालांकि, देरी से रिटर्न भरने पर जुर्माना बढ़ गया है:
- 24-26 महीने के बीच रिटर्न दाखिल करने पर 60% टैक्स
- 36-48 महीने के बीच रिटर्न दाखिल करने पर 70% टैक्स
ULIP पर कैपिटल गेन्स टैक्स, बड़े निवेशकों पर असर
अगर आप ULIP (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान) में ₹2.5 लाख से ज्यादा का प्रीमियम भरते हैं, तो इस पर कैपिटल गेन्स टैक्स लगेगा। लॉन्ग-टर्म (12 महीने से अधिक) निवेश पर 12.5% और शॉर्ट-टर्म पर 20% टैक्स देना होगा। इससे ULIP का टैक्स बचाने के लिए हो रहे गलत इस्तेमाल पर रोक लगेगी।
इन चीजों के दाम होंगे कम या ज्यादा, जानें कस्टम ड्यूटी का असर
- सस्ती होंगी ये चीजें: 3000 CC वाली इंपोर्टेड कारें, 1600 CC मोटरसाइकिल, लाइफ-सेविंग दवाएं और इलेक्ट्रिक वाहन (बैटरी उत्पादन पर ड्यूटी कम होने के कारण)।
- महंगी होंगी ये चीजें: इंपोर्टेड जूते, स्मार्ट मीटर, एलसीडी/एलईडी टीवी, पीवीसी उत्पाद और कुछ कपड़े।
कब मिलेंगे फायदे? तुरंत या इंतजार करना पड़ेगा?
- तुरंत लाभ (1 अप्रैल 2025 से): नए टैक्स स्लैब, टीडीएस/टीसीएस सीमा में बदलाव।
- कुछ समय बाद (जून-जुलाई 2025 से): किसानों, महिलाओं और रोजगार से जुड़ी योजनाएं।
- लंबा इंतजार: सड़क, रेलवे, स्कूल और अस्पताल जैसे बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स को पूरा होने में समय लगेगा।
प्लानिंग है जरूरी
ये बदलाव न केवल आपकी बचत बढ़ाएंगे, बल्कि वित्तीय प्लानिंग को भी आसान बनाएंगे। विशेषज्ञों की सलाह है कि नए नियमों के मुताबिक अपने निवेश और खर्चों की रणनीति बनाएं। साथ ही, देरी से टैक्स रिटर्न दाखिल करने से बचें, नहीं तो भारी जुर्माना देना पड़ सकता है।