रात को जागने वालों के लिए चौंकाने वाली खबर! 8 साल के शोध में सामने आया ये डरावना सच

क्या आप भी रात के उल्लू हैं? तो ये खबर आपके लिए है! अगर आपको लगता है कि रात को देर तक जागना और सुबह देर से उठना आपकी सेहत के लिए ठीक है, तो सावधान हो जाइए! स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 8 साल तक 73,880 लोगों पर की गई स्टडी में पाया कि “मॉर्निंग लार्क्स” (सुबह जल्दी उठने वाले) और “नाइट ऑउल्स” (रात को जागने वाले) दोनों ही मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, अगर वो देर से सोते हैं। शोध के मुताबिक, रात की नींद छोड़ने वालों में डिप्रेशन, एंग्जायटी और बेवजह आत्महत्या के विचार बढ़ने की आशंका सबसे ज्यादा होती है।


क्या कहती है स्टडी?

स्टैनफोर्ड मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्गों पर यह अध्ययन किया। प्रतिभागियों ने अपनी नींद की आदतों के साथ-साथ स्लीप ट्रैकर भी पहने। हैरानी की बात यह रही कि 19,065 “मॉर्निंग टाइप” और 6,844 “इवनिंग टाइप” लोगों में से ज्यादातर देर से सोने वालों को मानसिक समस्याएं हुईं। शोध के प्रमुख प्रोफेसर जेमी ज़ीट्जर कहते हैं, “रात को जागने वालों के लिए स्थिति सबसे खराब है। देर रात के फैसले अक्सर गलत होते हैं, जैसे नशा, हिंसा या ओवरईटिंग।”


सुबह जल्दी उठने वालों की मानसिक सेहत बेहतर!

शोध में साफ हुआ कि जो लोग सूरज निकलने के साथ उठते हैं, उनकी मेंटल हेल्थ सबसे अच्छी रहती है। यहां तक कि अगर आपका शरीर रात को जागने के लिए बना है, तब भी जल्दी सोना और सुबह एक्सरसाइज करना आपको डिप्रेशन से बचा सकता है। वैज्ञानिकों ने यह भी गलत धारणा तोड़ी कि “सिर्फ नींद की अवधि या रूटीन से मानसिक स्वास्थ्य ठीक रहता है।” असली मंत्र है: “जितनी जल्दी सोएंगे, उतना हेल्दी रहेंगे!”


रात की नींद छोड़ने वालों को क्यों होती हैं समस्याएं?

प्रोफेसर ज़ीट्जर के अनुसार, देर रात के समय इंसान का दिमाग कमजोर फैसले लेता है। रात 2 बजे के बाद:

  • आत्महत्या के विचार 3 गुना बढ़ जाते हैं
  • शराब और ड्रग्स का सेवन 50% अधिक होता है
  • हिंसक घटनाएं या झगड़े की संभावना बढ़ती है
  • अनहेल्दी खाने की आदतें वजन बढ़ाती हैं

इन सभी कारणों से मानसिक संतुलन बिगड़ता है, जो धीरे-धीरे डिप्रेशन में बदल जाता है।


कैसे बदलें अपनी आदतें? जानें 5 आसान टिप्स

  1. रूटीन सेट करें: हर रोज एक ही समय पर सोएं और उठें, चाहे छुट्टी हो या वीकेंड।
  2. बेडरूम को ठीक करें: कमरा ठंडा, अंधेरा और शांत हो। मोबाइल-लैपटॉप बिस्तर से दूर रखें।
  3. सुबह की धूप लें: दिन में 20 मिनट धूप से शरीर की “सर्केडियन रिदम” ठीक होती है।
  4. रिलैक्स करें सोने से पहले: गुनगुने पानी से नहाएं, किताब पढ़ें या मेडिटेशन करें।
  5. शाम को ये न खाएं: कैफीन, निकोटीन या हैवी डिनर से परहेज करें।

आखिरी बात: वैज्ञानिकों का कहना है कि “अगर 2 हफ्ते लगातार जल्दी सोने की कोशिश करें, तो शरीर नई आदत अपना लेता है।” तो क्यों न आज ही शुरुआत करें? याद रखें, रात की नींद न सिर्फ आपकी एनर्जी बचाती है, बल्कि दिमाग को भी खुश रखती है!

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