RBI की हरी झंडी के बाद IndusInd Bank के शेयर में 5% की तेजी! निवेशक करें खरीदारी या बेचने का इंतजार? जानें विशेषज्ञों की राय

IndusInd Bank Latest News in Hindi: डेरिवेटिव्स मुद्दे पर RBI ने दी स्पष्टता, CEO ने जताई मुनाफे की उम्मीद; शेयर अभी भी सालाना 28% नीचे, क्या है निवेश का सही समय?

RBI के बयान ने बैंक के शेयरों को दी रफ्तार

सोमवार को शुरुआती कारोबार में IndusInd Bank के शेयर में 5.19% की उछाल देखी गई, जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर ₹707 तक पहुंच गया। यह तेजी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के उस बयान के बाद आई, जिसमें बैंक की वित्तीय स्थिरता को लेकर निवेशकों के डर को दूर किया गया। RBI ने स्पष्ट किया कि जमाकर्ताओं को अफवाहों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है।

Key Points:

  • शेयर की कीमत साल 2024 में अब तक 28% गिर चुकी है, जबकि BSE सेंसेक्स में सिर्फ 6% की गिरावट दर्ज हुई।
  • RBI ने डेरिवेटिव वैल्यूएशन से जुड़े मुद्दे पर बैंक की आलोचना की, लेकिन इसके बावजूद स्थिति को “नियंत्रण में” बताया।

क्या कहा RBI ने?

RBI के बयान से पहले, IndusInd Bank ने डेरिवेटिव्स से जुड़े मुद्दे के कारण अपनी नेट वर्थ में 2.4% की कमी स्वीकार की थी। इससे एनालिस्ट्स ने बैंक के मार्च तिमाही में नुकसान की आशंका जताई। हालांकि, RBI ने बताया कि:

  • बैंक ने इस मुद्दे की जांच के लिए एक बाहरी ऑडिट टीम नियुक्त की है।
  • कैपिटल एडीक्वेसी रेश्यो (CAR) 16.46% और प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) 70.2% है, जो नियामक मानकों से काफी बेहतर।
  • CEO सुमंत कथपलिया ने कहा, “Q4 और FY25 में मुनाफा रहेगा। हमारा CAR 15% से अधिक है।”

निवेशकों के लिए अहम सवाल: खरीदें या बेचें?

ICICI सिक्योरिटीज ने शेयर पर “कम करें” (Reduce) की रेटिंग बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस ₹850 रखा है। एनालिस्ट्स का मानना है कि डेरिवेटिव्स से जुड़ा ₹20-21 अरब का वित्तीय नुकसान Q4 के नतीजों पर भारी पड़ सकता है।

विश्लेषकों की चेतावनी:

  • आंतरिक नियंत्रण में कमजोरी से निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है।
  • शेयर की कीमत में अस्थिरता जारी रहने की आशंका, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन या बेहतर विकास से सुधार संभव।

Q3 के प्रमुख आंकड़े:

  • कुल आय: ₹15,155.80 करोड़ (पिछली तिमाही से 1.91% वृद्धि)।
  • शुद्ध लाभ: ₹1,402.33 करोड़।

निवेशक क्या करें?

  • शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स: तेजी का फायदा उठाएं, लेकिन स्टॉप-लॉस के बिना पोजीशन न लें।
  • लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स: RBI के आश्वासन और बैंक के मजबूत कैपिटल रेश्यो को देखते हुए संभावित डिप पर खरीदारी करें।

जोखिम कारक:

  • डेरिवेटिव मुद्दे का Q4 पर असर।
  • विदेशी मुद्रा जोखिम और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव।

अस्वीकरण: यह लेख विशेषज्ञों की व्यक्तिगत राय पर आधारित है। निवेश से पहले सेबी-पंजीकृत वित्तीय सलाहकार से सलाह अवश्य लें।

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